जयपुर । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है इस महाकुंभ में जयपुर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे जयपुर के विभिन्न मठ-मंदिरों की ओर से करीब एक दर्जन अन्न क्षेत्र यानी भंडारे लगाए जाएंगे. जहां भोजन, चाय, नाश्ते की व्यवस्था रहेगी इसी कड़ी में प्रदेश के तीन मन्दिर मोती डूंगरी गणेश मंदिर, सालासर बालाजी और खाटू श्याम जी मंदिर की ओर से महाकुंभ के लिए 3 ट्रक भोजन सामग्री भेजी जाएगी।
कुंभ मेले को सनातन धर्म में बहुत ऊंचा दर्जा दिया जाता है. माना जाता है कि जब कुंभ लगता है, उस दौरान संबंधित क्षेत्र की पवित्र नदियों का जल अमृत का रूप धारण कर लेता है इस दौरान उसमें डुबकी लगाने वालों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस बार 144 साल बाद प्रयागराज में पूर्ण महाकुंभ होने जा रहा है. इस आध्यात्मिक मेले की तैयारी में न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश जुटा हुआ है। यहां महाकुंभ में 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि जैसे मुख्य स्नान दिवस भी रहेंगे. जब लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करेंगे. इस दौरान इस महाकुंभ में तपस्वी, साधु, संत, साध्वी, कल्पवासी और तीर्थ यात्री शामिल होंगे. जिनके लिए देशभर से भोजन सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में प्रदेश के तीन प्रमुख मंदिर मोती डूंगरी गणेश मंदिर, खाटूश्यामजी मन्दिर और सालासर बालाजी मंदिर की ओर से तीन ट्रक भोजन सामग्री भेजी जाएगी. इन तीनों मन्दिर ट्रस्ट की ओर से 200 पीपे तेल, 50 पीपे देसी घी, 10 टन आटा व 5 टन दाल के रूप में तीन ट्रक भोजन सामग्री भेजी जाएगी. देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत सोमवार सुबह 11 बजे मोती डूंगरी गणेश मंदिर से तीनों ट्रकों को रवाना करेंगे. ये कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद के सानिध्य में होगा।