उमरिया जिले में पान मसाला के व्यापारियों के द्वारा प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर पान मसाला बेचा जा रहा है। पान मसाला व्यापारियों के द्वारा गस्त चोरी की जाती है। तंबाकू और गुटखा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन फिर भी इसके लिए बाकायदा शासन के द्वारा लाइसेंस दिया जाता है और उसे लोग बेचते हैं और सेवन भी करते हैं। लेकिन सरकार ने इसे अपने दायरे में लेने के लिए जीएसटी विभाग को नियुक्त किया है, ताकि इसका लेखा-जोखा रख सके। लेकिन आज भी ऐसी विक्रेता है, जो कि जीएसटी को दरकिनार करके मोटी रकम वसूलने के चक्कर में लोगों को जहर खिला रहे हैं। दरअसल, पूरा मामला उमरिया जिले के नौरोजाबाद का है। जहां पर नौरोजाबाद के साथ ही साथ यह खेल केवल वही तक सीमित नहीं है। बल्कि पूरे जिले में यह खेल चल रहा है। जहां सूत्र बताते हैं कि पान मसाले बेचने वाले डीलर आधे से ज्यादा कच्चे बिल से माल को मंगवाते हैं और शासन को लाखों रुपये का चूना लगाते हैं। लेकिन जीएसटी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि सबसे ज्यादा खपत पान मसाले और इसी की बिक्री में होती है। लोग यहां जमकर खरीदारी करते हैं और गांव-गांव तक इसकी बिक्री लगातार बड़े पैमाने में की जाती है। लेकिन कच्चा बिल से माल मंगवाने की वजह से शासन को टैक्स नहीं पहुंच पाता है, जिसकी वजह से शासन को इस प्रकार के लोग नुकसान पहुंचा रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसका कारोबार इतनी तेजी से हो रहा है कि इस पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है। एक भी ऐसा फुटकर व्यापारी नहीं है, जिससे जीएसटी का बिल दिया गया हो। वह सामान तो जरूर लाता है, लेकिन बिल के नाम पर उसे कुछ भी नहीं दिया जाता। सिर्फ अमाउंट लिख कर दे दिया जाता है और वह पैसे की आदायगी करके वहां से चला जाता है। वहीं, इस संबंध में जीएसटी कमिश्नर धनराजू एस से बात कि गई तो वे पूरा मामला सुनने के बाद फोन काट दिए।