रांची. झारखंड के लोगों के लिए अब छत्तीसगढ़ जाना पहले से आसान हो जाएगा. वर्तमान में दो प्रमुख सड़कें झारखंड को छत्तीसगढ़ से जोड़ती हैं. इनमें से अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग, जो झारखंड के गढ़वा से छत्तीसगढ़ को जोड़ता है, की हालत बेहद खराब हो चुकी है. इस मार्ग पर फोर व्हीलर तो छोड़िए, टू व्हीलर चलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

इस राजमार्ग से हर दिन दर्जनों बसें विभिन्न शहरों और छत्तीसगढ़ के लिए संचालित होती हैं. ऐसे में इस सड़क के नव-निर्माण और चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो चुका है. मार्ग में पेड़ों की कटाई का कार्य भी जारी है, जो वन विभाग की मंजूरी के बाद जल्द पूरा कर लिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस सड़क के निर्माण के लिए तीन चरणों में राशि आवंटित कर दी है.

गुमला मार्ग से अंबिकापुर मार्ग का होगा जुड़ाव

झारखंड के गुमला-कटनी राष्ट्रीय राजमार्ग को अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए अंबिकापुर के महावीरपुर से रामानुजगंज मार्ग में रजपुरी खुर्द तक अंबिकापुर बाइपास बनाया जाएगा. इस 13.7 किलोमीटर लंबे बाइपास के लिए 144 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है.

इसके अलावा, रजपुरी खुर्द से पाढ़ी तक 49 किलोमीटर सड़क के लिए 397 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. बड़कीम्हरी से रामानुजगंज तक 29.4 किलोमीटर सड़क के लिए 199.005 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है. राशि स्वीकृत होने और वन विभाग की मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है. अंबिकापुर से रामानुजगंज तक लगभग 110 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण के लिए तीन कंपनियों से अनुबंध की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.

झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले दो प्रमुख मार्ग

झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ने के लिए दो मुख्य सड़कें हैं. अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग. यह मार्ग झारखंड के गढ़वा को छत्तीसगढ़ से जोड़ता है. इस मार्ग से यात्री दूसरे शहरों में आसानी से जा सकते हैं. जशपुर-गुमला-रांची मार्ग. यह मार्ग जशपुर होते हुए गुमला और रांची को जोड़ता है. दोनों ही मार्गों से प्रतिदिन झारखंड के विभिन्न शहरों के लिए दो दर्जन से अधिक बसों का संचालन होता है.