लखनऊ। सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर यूपी की राजनीति गरमाई हुई है। सपा और बीजेपी आमने-सामने हैं। सपा, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरा है। वहीं अब बसपा सुप्रीमो मायावती की भी इस मामले में एंट्री हो गई है। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर बीजेपी और सपा में कानून-व्यवस्था को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं और अपराध, अपराधी और जाति के नाम पर राजनीति हो रही है, जबकि इस मामले में ये दोनों चोर-चोर मौसेरे भाई हैं।  
मायावती ने एक्स पर लिखा कि सपा सरकार में तो बीजेपी की तरह ही कानून-व्यवस्था का बुरा हाल था। दलितों, पिछडे़ वर्गों, गरीबों और व्यापारियों आदि को सपा के गुण्डे, माफिया दिन-दहाड़े लूटते और मारते-पीटते थे, ये सब लोग भूले नहीं हैं। मायावती ने कहा कि यूपीप में वास्तव में कानून द्वारा कानून का राज बसपा के शासन में ही रहा है। जाति और धर्म के भेदभाव के बिना लोगों को न्याय दिया गया। कोई फर्जी एनकाउंटर नहीं हुए। इसलिए बीजेपी और सपा के कानूनी राज के नाटक से सभी सजग रहें।
बता दें 28 अगस्त को सुल्तानपुर के भरत ज्वेलर्स में दो करोड़ की डकैती हुई थी। इस घटना का मुख्य आरोपी मंगेश यादव था, जिस पर एक लाख का इनाम रखा गया था। 6 सितंबर को यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मंगेश मारा गया। हालांकि, इस एनकाउंटर के बाद सियासत गरमा गई। अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर लुटेरे पकड़े गए थे, तो लूट का सोना कहां गया?
अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा था कि सवाल ये है कि लुटेरों से लूट का माल किसने लूट लिया? जब सब पकड़े गए, तो सोना किसके खजाने में जमा हो गया? कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर गए, वह किसी के प्रतिनिधि थे।
वहीं अखिलेश के बयान पर सीएम योगी ने कहा कि जो लोग डकैत के एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं, अगर डकैत दुकान में मौजूद ग्राहकों को एक तरफ करके गोली मार देते तो क्या सपा उनकी जान वापस कर पाती? उन्होंने कहा कि जब उनका कोई माफिया या डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो ऐसा लगता है कि जैसे पुलिस ने इनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया हो, ये चिल्लाने लगते हैं।