90 के दशक में एक ऐसा हीरो आया था, ज‍िसने स्‍टारडम की नई पर‍िभाषा ही ल‍िख डाली थी. हम बात कर रहे हैं गोव‍िंदा की. गोविंदा ज‍िस फिल्‍म में होते, मानों फिल्‍म के ह‍िट होने की गारंटी होती थी. लेकिन जब फिल्‍मों से दूरी बनाई उसके बाद वापसी मुश्किल हो गई. फिल्‍मी दुनिया से दूरी बनाई तो गोविंदा ने राजनीति में भी हाथ अजमाया, राजनीति के बाद फिर से फिल्‍में भी की लेकिन कुछ काम नहीं कर पाया. हाल ही में गोविंदा एक बार फिर सुर्ख‍ियों में आए थे जब उनके पैर में अपनी ही बंदूक से चली गोली लग गई. गोविंदा ठीक होकर घर तो चले गए लेकिन अब उनकी बालकनी ने ‘नमक, नींबू, कपूर जैसी चीजें रखी नजर आती हैं. इस सारे टोने-टोटके का सच गोविंदा की पत्‍नी सुनीता अहूजा ने खुद बताया है.

दरअसल गोविंदा की मां देवी की बड़ी भक्‍त थीं. यहीं वजह है कि खुद गोविंदा भी देवी के बड़े भक्‍त रहे हैं. उनके घर में भक्‍ति का खूब माहौल रहता है. हाल ही में गोविंदा की पत्‍नी सुनीता कपूर ने अपने मुंबई वाले बंगले का टूर एक न‍िजी चैनल को द‍िखाया है. इस टूर में सुनीता अहूजा ने अपनी बालकन भी द‍िखाई है, जहां नमक, नींबू, कपूर और फ‍िटकरी जैसी चीजें हमेशा रखी रहती हैं.

सुनीता इस वीड‍ियो में बताती हैं, ‘मैं आपको अपनी बालकनी द‍िखाती हूं. यहां मेरा और टीना (गोव‍िंदा और सुनीता की बेटी) का तुलसी का झाड़ है. अभी माता रानी सो रही हैं. नजर नहीं लगे इसल‍िए हम लोग बालकनी में ये सब भी रखते हैं.’ ये कहते हुए सुनीता द‍िखाती हैं कि वह अपनी बालकनी में धूप, एक ग्‍लास में नींबू और कपूर जैसी चीजें भी रखती हैं.

सुनीता बताती हैं, ‘ये एक तुलसी मेरी है एक टीना ने लगाई है. हम रोज शाम को यहां राई के तेल का द‍िया भी लगाते हैं. ताकि क‍िसी की भी बुरी नजर मेरे घर में या मेरे बच्‍चों को या मेरी फैमली को न लगे. ये बालकनी हमने स‍िर्फ तुलसी मां के ल‍िए बनाई है. तो घर में जब कोई पार्टी होती है या कोई स्‍मोक‍िंग करता है तो हम ये बालकनी बंद कर देते हैं. मेरी ये बालकनी स‍िर्फ पूजा-पाठ के ल‍िए ही है. मैं रोज सूर्य को इसी बालकनी से जल चढ़ाती हूं. आप ये कह सकते हैं कि ये मेरा आउटडोर पूजाघर है. ‘