जयपुर। राजस्थान में लालच देकर और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सरकार कानून बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि धर्म परिवर्तन बर्दाश्त नहीं होगा। अगले विधानसभा सत्र में इसके खिलाफ बिल लाया जाएगा। विधि विभाग धर्म परिवर्तन के खिलाफ बिल के ड्राफ्ट को फाइनल करने में जुटा हुआ है। उत्तराखंड, मप्र के धर्म परिवर्तन से जुड़े कानूनों की स्टडी की जा रही है। इस बिल को अगले विधानसभा सत्र में पारित किया जा सकता है। राजस्थान सरकार धर्म परिवर्तन विरोधी बिल में कई कड़े प्रावधान कर सकती है। जैसे- धर्म बदलवाने और उसमें सहयोग करने वालों पर जेल और भारी जुर्माना होगा। धर्म परिवर्तन में शामिल संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन खारिज करने के साथ कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं, लिव-इन (बिना शादी के साथ) में रहने वालों के लिए सरकारी कानूनी प्रावधान कर सकती है। राजस्थान में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन आदिवासी क्षेत्रों में देखने को आते हैं। इसलिए बच्चों, महिलाओं और एससी-एसटी के व्यक्ति के धर्म परिवर्तन पर 5 से 10 साल तक की सजा और 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। अगर कोई एनजीओ या संस्था गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराती है तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश थी। इन प्रावधानों को नए बिल के ड्राफ्ट में भी शामिल किया जा रहा है।


कड़ी सजा का प्रावधान
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कोई जोर जबरदस्ती, लोभ लालच देकर, पैसा देकर धर्म परिवर्तन करवाए तो यह सरासर गलत है। बर्दाश्त नहीं कर सकते। अगले विधानसभा सत्र में हम बिल ला रहे हैं, इस पर विचार चल रहा है, सभी पक्षों से इसकी राय भी ले रहे हैं। पटेल ने कहा, हम उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों का अध्ययन करवा रहे हैं। केंद्र में अटके बिल को हमने वापस ले लिया है और उसकी जगह नया बिल ला रहे हैं। पटेल ने कहा, धर्मांतरण की शिकायत हमारे आदिवासी बहुल क्षेत्र में है। गरीब और अशिक्षित लोगों की मजबूरी और पिछड़ेपन का फायदा उठाकर कुछ लोग उन्हें झूठे सब्जबाग दिखाते हैं और धर्म परिवर्तन करते हैं।