आठ जिलों की 27 तहसीलों में होगी अफीम की खेती
भोपाल । केंद्रीय राजस्व विभाग ने अफीम फसल वर्ष 2023-24 अनुसार के लिए मध्यप्रदेश के आठ जिलों की 27 तहसीलों को ऐसे इलाके के रूप में अधिसूचित किया है जहां अफीम उत्पादन के लिए जारी लायसेंस के आधार पर खेती की जा सकेगी। इसी प्रकार देश के अन्य प्रमुख अफीम उत्पादक राज्य राजस्थान के सात जिलों की 49 तहसीलों और उत्तरप्रदेश के नौ जिलों की 28 तहसीलों को अफीम उत्पादक क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय राजस्व विभाग प्रत्येक अफीम फसल वर्ष के लिए नई अफीम नीति जारी करती है। इसके अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों की कसौटी पर खरे पाए जाने वाले किसानों को निर्धारित क्षेत्र में अफीम उत्पादन के लिए लायसेंस जारी किए जाते हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र भी अधिसूचित किये जाते हैं जहाँ अफीम काश्त की जा सके। दूसरे शब्दों में अफीम की खेती सरकार द्वारा दी गई अनुज्ञा और तय क्षेत्र के हिसाब से ही खेती करना अनिवार्य हैं।
वर्ष 2023 24 के लिए जारी नई अफीम नीति के परम्परागत ढंग और सीपीएस पद्धति के अंतर्गत डोडों पर चीरा लगाए बिना अफीम की खेती के लिए लायसेंस की शर्ते 13 सितंबर को प्रकाशित राजपत्र में जारी कर दी गई हैं। इसके साथ ही उत्पादन के लिए अधिसूचित इलाकों की सूची भी प्रकाशित की गई हैं। उत्तराखंड के दो जिलों में प्रायोगिक प्रयोजन के लिए लायसेंस देना तय किया गया हैं। अधिकृत सूची के अनुसार मध्यप्रदेश में नीमच जिले की 6, मंदसौर जिले की 8, रतलाम की 6, उज्जैन की 3, आगर मालवा झाबुआ राजगढ़ और शाजापुर जिले की एक-एक तहसील को अफीम उत्पादन हेतु अधिसूचित किया गया है। वहीं मनासा, जीरन, सिंगोली और रामपुरा तहसील स्थित गांवों के पात्र अफीम की खेती के लिए पट्टे दिए जाएंगे । मध्यप्रदेश में इस वर्ष परम्परागत और सीपीएस पद्धति को मिला कर लगभग 54 - 55 हजार लायसेंस दिए जाने की संभावना हैं।
मध्यप्रदेश के मन्दसौर स्थित के ऐनके कॉलेज आफ हार्टिकल्चर को प्रायोगिक प्रयोजन के लिए लायसेंस दिया जाएगा। राजस्थान के कोटा, बारा, उदयपुर झालावाड़, चितौडगढ़़, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिले की 49 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले पात्र किसानों को लायसेंस देंगे। इसी तरह उदयपुर के राजस्थान कॉलेज आफ एग्रीकल्चर को प्रायोगिक प्रयोजन के लिए लायसेन्स दिया जायेगा। जानकारी के अनुसार नई अफीम नीति के प्रावधानों के अनुसार इस वर्ष राजस्थान में परम्परागत तथा सीपीएस पद्धति के मिला कर लगभग 47 हजार किसानों को पट्टे दिए जाने की संभावना हैं। उत्तरप्रदेश के नौ जिलों की 28 तहसील क्षेत्रों में अफीम उत्पादन के लिये लायसेंस प्रदान किये जायेंगे । बाराबंकी और फैजाबाद जिलों में दो लायसेंस प्रायोगिक प्रयोजन के लिए भी लायसेंस देंगे। उत्तरप्रदेश में दोनों श्रेणी के लिए 10 हजार 500 किसानों को पट्टे की पात्रता मिलने के आसार हैं।