कोटवारों को सेवानिवृत्ति के समय मिलेंगे एक लाख रुपए
भोपाल : मध्यप्रदेश में कोटवारों को सेवानिवृत्ति के समय एक लाख रुपए की राशि मिलेगी। कोटवारों को मिलने वाली राशि में अब हर साल पांच सौ रुपए बढ़ते चले जायेंगे। ऐसे कोटवार जिनके पास सेवा भूमि नहीं है उन्हें 4 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। ऐसे कोटवार जिनके पास 3 से 7.5 एकड़ तक सेवा भूमि है उन्हें 600 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर 1200 रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। ऐसे कोटवार जिनके पास 7.5 एकड़ से 10 एकड़ तक सेवा भूमि है उन्हें पर न्यूनतम मानदेय एक हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा। इसमें समय-समय वृद्धि भी होगी। जिनके पास 3 एकड़ तक की सेवा भूमि है उन्हें वर्तमान में मिल रहे एक हजार रुपए के स्थान पर 2000 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
भोपाल के लाल परेड मैदान में राज्य स्तरीय कोटवार सम्मेलन में कोटवारों के हित में ये घोषणाएँ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्राम कोटवार राजस्व प्रशासन के रीढ़ की हड्डी हैं। वे सूचनाओं को अपडेट करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ओला, पाला, खेतों में इल्ली, सूखा और अन्य आपदाओं की जानकारी देने का महत्वपूर्ण कार्य भी करते हैं। इनके जीवन की कठिनाईयों को दूर करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री चौहान ने ने कहा कि कोटवारों को सीधे मुख्यमंत्री निवास से जोड़कर आवश्यक सूचनाएं प्राप्त करने का माध्यम भी बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। चौहान ने कहा कि कोटवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलवाया जाएगा। उनकी वर्दी का रंग अब खाकी होगा।
कोटवार परिवार की बहन को मिलेगा लाड़ली बहना योजना का लाभ
कोटवार पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से छूट रहेगी। प्रत्येक कोटवार को सीयूजी सिम मिलेगी। इसका रिचार्ज भी राज्य सरकार करेगी। कोटवार परिवार की हर बहन को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलेगा। कोटवारों का प्रतिवर्ष सम्मेलन होगा।
गाँव के गूगल हैं कोटवार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोटवार का पद छोटा है लेकिन उनका दायित्व बड़ा है। कोटवार ग्राम देवता हैं। वे गाँव के गूगल हैं। कोटवार की जानकारी के बिना कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ती। कोटवार से ग्राम की सब जानकारी मिल जाती है। वे इसलिए चलते-फिरते गूगल हैं। सही मायने में कोटवार जमीन से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने ग्राम में बचपन में जागते रहो की रात के समय आवाजें सुनी हैं। कोटवार इसलिए जागते हैं, सावधान करते रहते हैं, जिससे ग्राम सुरक्षित रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोटवार ग्राम में मुनादी का कार्य भी करते हैं। हर विभाग की सही जानकारी कोटवार ही देते हैं। वे जन्म-मृत्यु सूचना भी देते हैं, प्राकृतिक आपदा की बात बताते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोटवार, सीमांकन का आंकड़ा देते हैं। पुलिस विभाग भी कोटवार से प्राप्त पहली सूचना के आधार पर कार्य करती है। ग्राम की कुंडली कोटवार के पास रहती है। तहसील में हर महीने बैठक में जानकारी देते हैं। निर्वाचन की ड्यूटी में भी कोटवार मददगार हैं।
मुख्यमंत्री चौहान कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। संवेदनशील होकर ही किसी भी वर्ग का कल्याण हो सकता है। मुख्यमंत्री लाड़ली योजना बहना भी इस संवेदनशीलता का परिणाम है। कोटवारों का पद कोई छोटा नहीं है। सभी की गरिमा होती है। कोटवार परिवार के महत्वपूर्ण अंग हैं, उनके कष्ट की चिंता करना और समाधान करना मुखिया के नाते मेरा दायित्व है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कोटवारों से आग्रह किया कि आप गांव की चिंता करें और ग्राम को बेहतर बनाएं। कोटवार परिश्रम से कार्य करने वाले भले लोग हैं।
ग्राम की महिला कोटवार ललिया बऊ का भाव पूर्ण स्मरण
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोटवार जागता था तभी ग्राम चैन की नींद सोता था। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि एक समय ग्राम जैत में महिला कोटवार का जिम्मा संभालने वाली ललिया बऊ को सभी सम्मान देते थे। वे अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाती थीं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली पंचायत कोटवारों की ही की थी। कुछ समय से विभिन्न स्थानों पर भेंट करने वाले कोटवारों की इच्छा थी कि उनका भी सम्मेलन हो। आज कोटवार पंचायत में प्रदेश के कोटवारों से भेंट हो रही है।
प्रमुख सचिव राजस्व निकुंज श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि सूचनाओं के सम्प्रेषण में कोटवार संलग्न रहते हैं। वे प्राथमिक सहायक की भूमिका निभाते हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पुलिस और अन्य विभागों के लिए भी वे सहयोगी की भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में रमेश शर्मा, अध्यक्ष मध्यप्रदेश कर्मचारी कल्याण समिति, भगवान दास केवट, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश आजाद कोटवार संघ, हरवीर सिंह, मनोहर मेहरा, वीर सिंह, प्रमुख राजस्व आयुक्त संदीप यादव, कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह भी उपस्थित थे।