IOA Chief: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पीटी उषा की तारीफ की...
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को दिग्गज एथलीट और राज्यसभा की सदस्य पीटी उषा की जमकर तारीफ की। पीटी उषा हाल ही में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनी हैं। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला और ओलंपियन हैं। धनखड़ ने पीटी उषा की सराहना करते हुए कहा, "उनका योगदान प्रेरणादायक है।"
धनखड़ ने सुबह 11 बजे उच्च सदन को संबोधित करते हुए कहा "मैं 10 दिसंबर, 2022 को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला और ओलंपियन बनने पर इस हाउस की एक प्रतिष्ठित सदस्यपी.टी. उषा को बधाई देता हूं। उन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। पीटी उषा 20 साल की उम्र में 1984 में लॉस एंजिल्स में ओलंपिक फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला भी थीं। आगे चलकर उन्होंने जकार्ता में एशियाई चैम्पियनशिप में पांच स्वर्ण पदकतने का रिकॉर्ड बनाया। अर्जुन और पद्मपुरस्कार विजेता,पी.टी. उषा वर्तमान में खेल और खेल शिक्षा को बढ़ावा देने में काम कर रही हैं। माननीय सदस्य,पी.टी. उषा, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष और इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य दोनों के रूप में खेल के निर्वाह में योगदान करती हैं और देश के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मददगार हैं। उनका योगदान प्रेरक है।"
निर्विरोध अध्यक्ष बनी हैं पीटी उषा
भारतीय ओलंपित संघ के चुनाव में पीटी उषा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। 1960 के बाद पहली बार कोई खिलाड़ी आईओए का अध्यक्ष बना है। महाराजा यादविंदर सिंह (1938-1960) पिछले ऐसे अध्यक्ष थे जो खिलाड़ी रह चुके थे। चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए उसके पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में संपन्न हुए। पीटी ऊषा के अध्यक्ष चुने जाने से आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी।
पीटी ऊषा ने क्या कहा?
पीटी ऊषा ने अध्यक्ष बनने के बाद कहा, ''13 साल को छोड़कर मैंने अपना पूरा समय खेल को दिया है।चाहे वह एक एथलीट, कोच या प्रशासन के रूप में हो। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं आईओए प्रमुख या संसद सदस्य बनूंगी। एथलीट आयोग के सदस्यों ने मुझे अपना नामांकन दाखिल करने के लिए प्रेरित किया। हम खेलों की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे, ताकि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हमारा तिरंगा ऊंचा रहे। हम देश के लिए और पदक लाने के लिए राष्ट्रीय महासंघों, एथलीटों और कोचों के साथ काम करेंगे।''