अमरोहा। उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के गजरौला थाना क्षेत्र के गांव पाल में बकरे का अंतिम संस्कार चर्चा का विषय बना हुआ है। चामुंडा मैया के नाम से छोड़े गए इस बकरे की मौत हो जाने पर ग्रामीणों ने उसकी अर्थी सजाकर अंतिम यात्रा निकाली और विधि-विधान से गंगा किनारे उसका अंतिम संस्कार किया।
ग्रामीणों के अनुसार, यह बकरा करीब 20 साल पहले चामुंडा देवी के नाम से छोड़ा गया था। बकरा गांव में स्वतंत्र रूप से घूमता था और हर शाम चामुंडा मंदिर पर बैठ जाता था। बीते कुछ दिनों से बकरा बीमार चल रहा था और उसे तेज बुखार हो गया था। ग्रामीणों ने उसका इलाज भी कराया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और अंततः उसकी मौत हो गई। जिसकी जानकारी सुबह होते ही ग्रामीणों ने उसकी अर्थी सजाई। ग्रामीण आवेश ने बताया कि किसी मनुष्य की तरह बकरे की अर्थी बनाई गई और पूरे गांव ने उसकी शव यात्रा निकाली। यह शव यात्रा गंगा तट तक पहुंची, जहां बकरे का विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया। इस यात्रा में गांव के सभी लोग शामिल हुए। बकरे की यह शव यात्रा अब इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, और लोग इसे एक अनोखी घटना के रूप में देख रहे हैं।