जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार की भावना है कि किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम मिले। उन्होंने कहा कि अप्रेल माह से शुरु की जा रही सरसों-चना खरीद की सभी तैयारियां इस प्रकार की जाएं कि किसानों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें अच्छा महसूस हो।
 
सहकारिता मंत्री बुधवार को नेहरू सहकार भवन में वीसी के माध्यम से सरसों-चना खरीद की पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हैण्डलिंग और ट्रांसपोर्ट के टेंडर के प्रावधानों में शिथिलता इसलिए दी गई है ताकि प्रक्रिया में अच्छे लोग शामिल हों और किसानों को अपनी उपज बेचान के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। श्री दक ने कहा कि यदि लगातार किसी ठेकेदार की शिकायत मिलती है तो उसे डिबार करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने अधिकारियों को टेंडर फेल होने की स्थिति में दूसरा विकल्प तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभारी अधिकारी पूरे समय खरीद केन्द्र पर मौजूद रहे और उसकी पूरी जिम्मेदारी निर्धारित हो, इसके लिए एक अधिकारी को एक से अधिक खरीद केन्द्र का चार्ज नहीं दिया जाएगा।
 
श्री दक ने निर्देश दिए कि उप रजिस्ट्रार खरीद केन्द्रों का जायजा लेकर वहां टेंट, छाया, पानी आदि की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। साथ ही, ठेकेदार के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उसके पास खरीद के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्रों पर दलालों द्वारा माल तोलने की समस्या नहीं होनी चाहिए। सहकारिता मंत्री ने कहा कि चूंकि बाजार भाव की तुलना में समर्थन मूल्य की दरें आकर्षक हैं लिहाजा खरीद केन्द्रों पर बड़ी मात्रा में सरसों-चना बिक्री के लिए आएंगे। ऐसी स्थिति में रजिस्ट्रेशन की संख्या के अनुरूप अतिरिक्त खरीद केन्द्र खोले जाएं। उन्होंने कहा कि खरीद का लक्ष्य पूरा हो, इसके पूरे मनोयोग से प्रयास किए जाएं।
 
 सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खरीद केन्द्रों वाली क्रय-विक्रय एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पदाधिकारियों के साथ 25 मार्च से पूर्व बैठक कर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें। बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। खरीद केन्द्रों पर गुणवत्ता मापदण्डों का बैनर लगाया जाए। साथ ही, इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए कि खरीद केन्द्रों पर किसानों को उपज बेचान में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
 
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 10 अप्रेल से खरीद प्रक्रिया शुरू करने के अनुरूप समय पर सभी तैयारियां पूरी की जाएं। किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रतिनिधि के उपलब्ध नहीं होने की वजह से टेंडर प्रक्रिया में देरी हो रही है तो कमेटी में दूसरे प्रतिनिधि को शामिल करवाया जाए। साथ ही, शिकायत मिलने के बाद निरीक्षण की बजाय अधिकारी नियमित आधार पर खरीद केन्द्रों का निरीक्षण करें।
 
 इससे पूर्व राजफेड के प्रबंध निदेशक श्री टीकमचन्द बोहरा ने खरीद को लेकर की जा रही तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी तैयारियां समयबद्ध रूप से पूरी कर ली जाएंगी। बैठक में संयुक्त शासन सचिव श्री दिनेश कुमार जांगिड़ सहित राजफेड के अधिकारी मौजूद रहे। जबकि समस्त खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार तथा राजफेड के क्षेत्रीय अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।