भारत-पाक शांति वार्ता में ट्रंप का नाम आने पर शिवसेना का फूटा गुस्सा

भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए सीजफायर के बाद से ही घमासान मचा हुआ है. शिवसेना इस सीजफायर को लेकर सरकार हमलावर है. संजय राउत शुरुआत से ही इस सीजफायर पर सवाल खड़े कर रहे हैं वहीं अब पार्टी ने अपने मुखपत्र के जरिए भी कई आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप को गलत बताया है.
संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को युद्ध में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसने दिया? इस हस्तक्षेप से पहले शिमला समझौते पढ़ना चाहिए था. शिमला समझौते में साफ लिखा गया कि यह केवल दो देशों के बीच का समझौता है, कोई तीसरा देश हस्तक्षेप नहीं करेगा. बीजेपी नकली चाणक्य है. इस पूरे मामले पर राष्ट्रपति ट्रंप को सरपंच किसने बनाया? क्या हमने उन्हें चौधरी बनाया? हमारे सशस्त्र बल सक्षम हैं, तब भी जब हमारा राजनीतिक नेतृत्व कमजोर है.
उन्होंने कहा कि चीन जैसे बॉर्डर नेशन के साथ ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत होती है, लेकिन अमेरिका को बीच में लाने की क्या जरूरत है? किसके ऊपर कौन-कौन से मामले चल रहे हैं, और उन्हें वापस लेने की चर्चाएं हो रही हैं।ये बातें भी अब धीरे-धीरे सामने आएंगी।
हम दबाव में आ गए – संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल ‘जोश’ में थे, वे लाहौर, पेशावर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद तक पहुंच सकते थे, उन्हें किसने रोका? हमें पाकिस्तान को खत्म करने का यह मौका फिर नहीं मिलेगा. पाकिस्तान में जो जश्न मनाया जा रहा है, वह राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से है. हमें हमले का बदला लेने का अधिकार है. हमारे लोग दबाव में आ गए, यह सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि मोदी जी को अभी समय है. बिहार चुनाव से पहले वे ज़रूर देश को संबोधित करेंगे.मोदी जी बहुत चतुर नेता हैं, जब लोग सवाल पूछेंगे तब वे बिहार या पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले कोई बड़ा संबोधन देंगे.
अमेरिका ने भारत पर दबाव डाला
संजय राउत ने एक दिन पहले भी सीजफायर मामले पर ट्रंप पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्रंप पर सवाल खड़ा करते हुए और श्रेय लेने के मामले में कहा कि अगर इतने ही पावरफुल हैं तो इजरायल और गाजा क्यों नहीं रुकवा पाए? उन्होंने ये आरोप भी लगाया था कि ट्रंप ने सीजफायर के लिए भारत पर दवाब डाला था. इस तरह की कोशिश भी हमारी संप्रभुता पर हमला है और यह मोदी सरकार की भी कमजोरी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को बीच में आना पड़ा.