एमपी-यूपी इकोनॉमिक कॉरिडोर का मिलेगा वरदान: 223.7 किलोमीटर लंबे फोरलेन का होगा निर्माण

छतरपुर: एमपी-यूपी इकॉनोमिक कॉरिडोर छतरपुर जिले के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। इसके बनने से बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों को इसका लाभ मिलेगा। इसके चलते जमीनों के दाम अभी से बढ़ने लगे हैं। सागर-कानपुर फोरलेन के काम की गति लगातार बढ़ रही है। अफसरों ने अधिग्रहित किए गए जसागर से कबरई तक 223.7 किलोमीटर लंबे फोरलेन के लिए मुआवजा देना भी शुरू कर दिया है। यह एमपी और यूपी के औद्योगिक शहरों को जोड़ेगा।
223 किलोमीटर लंबा फोरलेन बनकर तैयार हो रहा है
सागर से कबरई तक 223.7 किलोमीटर लंबा फोरलेन एमपी और यूपी के औद्योगिक शहरों को जोड़ेगा। यह फोरलेन सागर से शुरू होकर बांदा, शाहगढ़, बड़ामलहरा, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा होते हुए बनाया जा रहा है। इस फोरलेन की अनुमानित लागत 2653 करोड़ रुपये है और भविष्य में इसे लखनऊ से भी जोड़ा जाएगा।
जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं सागर से कानपुर तक बन रहा एमपी-यूपी इकॉनोमिक कॉरिडोर आने वाले दिनों में बुंदेलखंड के कुछ जिलों के लिए वरदान साबित होगा। इसका असर भी अब दिखने लगा है। छतरपुर जिले में जहां-जहां से फोरलेन गुजरेगा, वहां-वहां जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। आने वाले दिनों में छतरपुर केंद्र बिंदु बन गया तो छतरपुर से अयोध्या, बनारस, कानपुर और लखनऊ का सफर आसान हो जाएगा। एमपी-यूपी इकॉनोमिक कॉरिडोर के तहत सागर-कबरई फोरलेन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। इस हाईवे का बड़ा हिस्सा बुंदेलखंड से गुजर रहा है, ऐसे में यहां के कई जिलों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। छतरपुर की 4 तहसीलों से गुजरेगा हाईवे छतरपुर जिले की 4 तहसीलों से यह हाईवे गुजरेगा। जिसमें यूपी के बड़ामलहरा, छतरपुर, महाराजपुर, नौगांव और महोबा, कबरई से होकर गुजरेगा। वहीं, इस हाईवे में जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित हुई है, उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा मिलना शुरू हो गया है। हाईवे बनने के बाद जिले की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी। रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है, वहीं बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खुलने से भी असर पड़ेगा।
सागर से कबरई तक 5 चरणों में हो रहा है काम
छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि "नेशनल हाईवे 34 पर सागर से कानपुर तक कबरई-सागर मार्ग पर फोरलेन बनाया जा रहा है। सागर से कबरई तक फोरलेन का काम 5 चरणों में किया जा रहा है। फेज-2 में होने वाले निर्माण के लिए हीरापुर साठिया घाट क्षेत्र में भी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, फेज-1 में सागर से मोहरी तक काम चल रहा है, जो छतरपुर के बड़ामलहरा तक करीब 38 किलोमीटर लंबा फोरलेन है। इसी तरह 5वें चरण में यह काम पूरा होगा। सागर से कानपुर तक फोरलेन हाईवे बनाने के लिए अप्रैल 2023 में डीपीआर स्वीकृत हुई थी और इसे वर्ष 2026 तक तैयार किया जाना है, लेकिन इसके वर्ष 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।"
इन कंपनियों को मिला ठेका
इस परियोजना का शिलान्यास जनवरी 2023 में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। एनएचएआई ने इस परियोजना को वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस परियोजना के तहत 223 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाना है। पहले चरण के तहत सागर से मोहरी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाईवे का काम एनएचएआई की सागर इकाई के तहत तेजी से चल रहा है।
तीसरे चरण में छतरपुर जिले की सीमा में सठिया घाटी से चौका गांव तक काम होना है, इसका टेंडर वेलजी रत्ना सोरठिया इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया गया है। तीसरे चरण में 717 करोड़ रुपये की लागत से 55 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। चौथे चरण में चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक कुल 43 किलोमीटर लंबी फोरलेन का निर्माण किया जाना है। इसका टेंडर एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर गुजरात को दिया गया है। चौथे चरण में कंपनी 688 करोड़ रुपये की लागत से 43 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करेगी।