बम-बम भोले के जयकारों के साथ जम्मू से पहला जत्था रवाना
जम्मू । आज (शुक्रवार) सुबह करीब सवा चार बजे जम्मू से बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की ओर अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया। पूजा अर्चना के बाद जम्मू एवं कश्मीर के उप-राज्यपाल व अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने बाबा अमरनाथ की यात्रा करने वाले पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान आधार शिविर भोले के रंग में रंगा दिखा। बम-बम भोले के जयकारों के साथ जम्मू का यात्री निवास गूंज उठा। भक्तों ने भोले के जयकारे लगाकर अपनी पवित्र यात्रा शुरु की।
बाबा बर्फानी की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं में पुरूषों से ज्यादा महिलाओं की तादात देखने को मिली। श्रद्धालु ढोल नगाड़ों की ताल पर थिरकते नजर आए। श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को 1 जुलाई को पहले दर्शन करने का मौका मिलेगा। यात्रा में इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कई बड़े बदलाव भी किये हैं। इन सभी का तीर्थयात्रिओं को विशेष ध्यान रखना होगा।
जानकारी के अनुसार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए इस बार 34 माउंटेन रेस्क्यू टीमों की भी तैनाती की गई है। कठुआ से पवित्र गुफा तक विभिन्न शिविरों में एक साथ 70 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर के पास रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें दर्शन के बाद आधार शिविरों में लौटना होगा। केवल सुरक्षा बलों और सामुदायिक रसोई का प्रबंधन करने वालों को ही गुफा के पास रहने की अनुमति होगी।
इसके आलावा यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व पत्थर गिरने की दृष्टि से संवेदनशील करीब ढाई किलोमीटर के हिस्से में गुजरने पर यात्रियों के लिए हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है। जो श्रद्धालु खच्चर, पालकी का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है। अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों का पहरा है। यह हेल्मेट श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड हर यात्री को फ्री देगा।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई हिस्सों में रेलिंग भी लगाई गई है। जिससे बुजुर्ग यात्रियों को चलने में आसानी हो। श्री अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है।
श्री अमरनाथ यात्रा में 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। पहली बार साल 2023 की यात्रा 62 दिनों तक चलेगी। यात्री बालटाल के 14.5 किमी लंबे ट्रेक और चंदनवाड़ी का 32 किमी लंबा रास्ता तय करके 13 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद गुफा मंदिर तक पहुंच कर करेंगे बाबा बर्फानी के पवित्र दर्शन कर सकेंगे।
पहले जत्थे में जम्मू से 3488 यात्री रवाना हुए हैं। यात्री निवास से बालटाल और पहलगाम तक 159 वाहनों को ले जाया गया। पहले जत्थे में 3294 भक्त हैं। यात्रा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई को शुरू होगी जब हजारों तीर्थयात्री दो आधार शिविरों – बालटाल और पहलगाम से पवित्र गुफा मंदिर की ओर अपनी यात्रा शुरू करेंगे। पहलगाम तक 1882 श्रद्धालु जिनमें पुरुष 1659 और महिलाएं 223 हैं तो बालटाल तक कुल 1412 श्रद्धालु हैं। जिनमें पुरुष 1145 और महिलाए 262 व बच्चे 5 शामिल हैं।